Yug Purush

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8TH SEMESTER ! भाग-34 ( आकर्षण & प्रतिकर्षण )

इतना कहकर अब मैने अपना पैर टेबल पर पसारा और टेबल पर रक्खे समोसे की प्लेट से एक समोसा उठाकर खाने लगा,डर तो तब भी लग रहा था कि कही ये लोग मुझे एकदम से मारना शुरू ना कर दे... क्यूंकी ना तो मैने सिदार को मेसेज किया था और ना ही 5 मिनट. बाद हॉस्टल  वाले वहा  आने वाले थे.....

"रिलैक्स , फ्रेंड्स... Now,  Not the right time, we need a plan." गौतम मेरी तरफ बढ़ रहे लड़को को हाथ दिखाकर शांत होने के लिए कहा

"एक बहुत पुरानी कहावत है..."अरुण ने भी टेबल के उपर अपने दोनो पैर रक्खे और मेरी तरह समोसा उठाकर खाते हुए रोले मारने के चक्कर मे प्लेट की तरफ हाथ बढ़ाया.. पर वहा तो समोसा था ही नही...

"साले.. सब खा गया..."

"भूख लगी थी यार.."

जिसके बाद जो समोसा मै खा रहा था, उसी मे एक टुकड़ा तोड़कर खाते हुए अरुण बोला...

"एक बहुत पुरानी कहावत है... प्लान वो बनाते है,जिन्हे खुद पर भरोशा नही होता..."

"चिंता मत करो... बहुत जल्द ही तुम दोनो को भरोशा हो जाएगा..."वहाँ से उठकर ऐश की तरफ जाते हुए गौतम ने कहा....

"नाइस प्लान बे..."अरुण समोसा खाते हुए बोला..."मेरी तो बुरी तरह फट  गयी थी..."

"फटी तो मेरी भी थी,लेकिन "अरुण के हाथ मे जो समोसे का जो बचा कुचा  टुकड़ा टुकड़ा था.. उसे छीनकर खाते हुए मैने कहा"तुझे एक काम बोला था ,याद है..."

"कौन सा..."

"गौतम और ऐश की लव स्टोरी कब से और कैसे चल रही है, इन दोनो के बाप क्या करते है...ये सब"

"कितनी बार कहा है की ऐश पर ध्यान मत दे, साली ने गौतम के लिए सुसाइड तक कर लिया था तो सोच ही सकता है कि उनका लव लेफ्ट साइड वाला होगा..."

"लेफ्ट साइड मतलब..."

"दिल लेफ्ट साइड रहता है, इसलिए सच्चे प्यार को लेफ्ट साइड वाला लव कहते है..."

"और राइट साइड लव मतलब..."

"फ़र्ज़ी लव, जो इस समय तेरे और दीपिका के बीच चल रहा है..."

"Nice concept 😍... पर यदि ऐसा है तो फिर मेरा और ऐश का लव किस केटेगरी मे आता है..."

"किसी भी केटेगरी मे नही"अरुण ज़ोर से हँसता हुआ बोला"क्यूंकि ये  लव ही नही है"

अरुण से उस समय क्या कहूँ मुझे कुछ नही सूझा और आज भी मैं उसे कुछ नही समझा पाया,क्यूंकी मैं खुद आज तक नही समझ पाया कि ऐश और मेरा लव लेफ्ट साइड वाला था या फिर राइट साइड वाला या फिर कोई लव ही नही था, जो भी हो उस दिन वहाँ कैंटीन  मे हम ने पूरा समय बिताया..... उस दिन कुछ अलग सा हुआ, ऐश उस दिन कैंटीन  मे मुझे देख रही थी, और जब मेरी नज़र उससे मिलती तो वो तुरंत अपना रंग बदल कर गुस्से से देखने लगती और उसकी यही अदा हर बार मेरा दिल चीर के रख देती थी....रिसेस के बाद की क्लास मे कुछ भी खास नही हुआ, बाकी के सभी टीचर्स आए और टेस्ट का टॉपिक बता कर अड्वाइज़ देने लगे कि उनके सब्जेक्ट की तैयारी कैसे करनी है, कुल मिलाकर कहें तो रिसेस के बाद अच्छा ख़ासा बोरिंग दिन बीता,....

"अबे वो देख ऐश .."छुट्टी के समय मैं जब अरुण के साथ कॉलेज से बाहर निकल रहा था तब मैने ऐश को बाहर परेशान खड़े देखा....

वो शायद किसी बात को लेकर परेशान थी और इसी परेशानी के सबब मे इधर से उधर... कॉलेज के बाहर कुछ बड़बड़ाते हुए चल रही थी


"तो क्या, अब जाके चुम्मी लेगा क्या उसकी..."

"यदि वो एक चुम्मी  दे दे तो कसम से उसकी एक चुम्मी के लिए  इंजीनियरिंग छोड़ दूं..."

"ये तो मेरा डाइलॉग था..."

"अबे...उधर वो परेशान खड़ी है और तुझे डाइलॉगबाजी की पड़ी है, तू हॉस्टल निकल... मैं आता हूँ...."

अरुण को वहाँ से भेजने के बाद मैं ऐश की तरफ बढ़ा, मैं उस वक़्त यही सोचता रहा कि मैं ऐश से क्या कहूँगा, मुझे वहाँ उसके पास नही जाना चाहिए था.. मुझे वही से उलटे पाँव हॉस्टल की तरफ भाग जाना चाहिए था.. इससे शायद मेरे साथ वो नही होता.. जो होने वाला था...  लेकिन मैं उसके पास गया और उससे उसकी परेशानी का कारण भी पुछा....

"इवनिंग वॉक  तो कर नही रही होगी आप... फिर इधर उधर क्यूँ टहल रही हो..."

"तुमसे मतलब..."एक करारा जवाब देकर वो फिर इधर से उधर और उधर से इधर कुछ बड़बड़ाते हुए चलने लगी....

"इधर से गुज़र रहा था तो तुम्हे परेशान देख कर रुक गया, वैसे भी मुझे स्कूल मे सिखाया गया था कि इंसानियत नाम की भी कोई चीज़ होती है... वैसे इस चीज को जान तो नही पाया कभी, फिर भी सोचा पूछ लू "

"तुम मुझे और परेशान मत करो और जाओ यहाँ से...."

"नही जाउन्गा..."

"तो खड़े रहो यही,मैं जाती हूँ यहाँ से...."अपना पैर पटक कर ऐश वहाँ से आगे बढ़ गयी....

"कमाल है यार, भलाई का तो ज़माना ही नही है...."ऐश को जाता देख  मैने कहा.....

वैसे तो ऐश का हर दिन गौतम के साथ कार मे आना-जाना होता था,लेकिन उस दिन गौतम नही आया, बल्कि गौतम का एक दोस्त अपनी बाइक पर बैठा कर ऐश को ले गया... गौतम शायद पहले ही निकल लिया था. ऐश को गौतम के दोस्त के साथ जाता देख मेरे लेफ्ट साइड मे हलचल मच गयी, मैं कई  ख़यालात बुनने लगा जैसे कि "क्या ऐश का ब्रेक-अप हो गया....😁? गौतम से या फिर इन दोनो की जोरदार लड़ाई हुई है...? या फिर वो लड़का जो की गौतम का दोस्त है वो ऐश के साथ कहीं........नही, ये कैसे हो सकता है , गौतम के दोस्तो के पास इतनी हिम्मत ही नही है और वैसे भी ऐश इस काम के लिए तैयार नही होगी, लेकिन फिर ऐश क्या हो गया कि आज गौतम के साथ ना जाकर ऐश उसके दोस्त के साथ गयी और ये साला गौतम कहाँ मर गया.. कम से कम उसके साथ ऐश सुरक्षित तो रहती है... उसके दोस्तों का क्या भरोषा.. कही..कुछ... उल्टा-सीधा हो गया तो.. क्या मुँह दिखाऊंगा मै..."
.
"अर्ज़ किया है..."

"करो...करो ,बिल्कुल करो, सबकुछ करो..."

"तो सुनीएगा, अर्ज़ किया है..."

"अबे अर्ज़ ही करता रहेगा या कुछ और भी करेगा..."वरुण और अरुण मुझपर एक साथ टपक पड़े...

"कोई तो महफ़िल होगी इस पूरी दुनिया मे....
जहाँ नाम हमारा भी होगा....
जब सुनेगी उस महफ़िल मे मेरी दास्तान...
तो लहू  तेरी भी आँखो से बहेगा...."

"छी... आककक थू..."अरुण ने अपनी प्रतिक्रिया दी 🤐

हम तीनो फिर से टल्ली हो चुके थे. वरुण ने खाना बनने के लिए गैस पर चढ़ा दिया था ,जिसके जलने की महक भी आने लगी थी..उधर खाना जला इधर हम तीनो के दिल जले....

"उस दिन के बाद क्या हुआ...ऐश का गौतम के दोस्त के साथ कुछ लफडा था या फिर... ये सिर्फ तेरी परिकल्पना का एक हिस्सा था..."

परिकल्पना... कल्पना का नेक्स्ट लेवल.... मेरी इस हालत का यही कारण है और यही कहानी भी है.....

"मैं बताऊ..."अरुण बीच मे बोल पड़ा जिसे रोककर मैने कहा
"वरुण, उस दिन ऐसा कुछ भी नही था..."
"फिर ऐश गौतम के साथ क्यूँ नही गयी,..."
.
उस दिन हॉस्टल  मे आने के बाद मुझे उसका कारण  मालूम चला...............................

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4 Comments

Kaushalya Rani

26-Nov-2021 06:34 PM

Very nice

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Barsha🖤👑

26-Nov-2021 05:37 PM

बहुत खूबसूरत भाग

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Sana khan

28-Aug-2021 04:02 PM

Awesome👏👍👏

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